कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार के पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “मेरे ऊपर 30-32 केस दर्ज हैं और ये मेरे लिए मेडल की तरह हैं।” यह बयान उस समय सामने आया जब हाल ही में दरभंगा ज़िले में उनके खिलाफ CrPC की धारा 163 के तहत मामला दर्ज हुआ। राहुल गांधी एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे, जिसकी प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
“मेरे ऊपर 30-32 केस दर्ज हैं, ये सब मेरे लिए मेडल हैं। भाजपा जब भी डरती है, मेरे खिलाफ एक नया केस करवा देती है।”
यह बयान पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान सामने आया। उन्होंने कहा कि जब भी वे सरकार से सवाल करते हैं, भाजपा उन्हें चुप कराने के लिए नया केस दर्ज करवाती है। राहुल गांधी ने इन सभी मामलों को गर्व के प्रतीक यानी “मेडल” बताया।
दरभंगा केस का पूरा मामला
राहुल गांधी दरभंगा के एक सरकारी छात्रावास परिसर में बिना अनुमति के पहुंचे थे। जिला प्रशासन के अनुसार, यह नियमों का उल्लंघन था। इसी कारण उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा CrPC 163 के तहत मामला दर्ज किया गया। राहुल गांधी का कहना है कि उन्हें जनता से मिलने से रोका जा रहा है।
बयान का राजनीतिक संदर्भ
राहुल गांधी का यह बयान 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आया है, जिससे राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है। कांग्रेस इसे भाजपा की दबाव बनाने की रणनीति बता रही है, जबकि भाजपा इसे नियमों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई मानती है।
CrPC की धारा 163 क्या है?
CrPC की धारा 163 पुलिस जांच के दौरान जानकारी के संकलन से जुड़ी है। दरभंगा केस में इसे नियम उल्लंघन के आधार पर जोड़ा गया है क्योंकि राहुल गांधी बिना प्रशासनिक अनुमति कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे।
राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मामलों का संक्षिप्त विवरण
- कुल केस: लगभग 30 से अधिक
- कारण: जनसभा, सरकार विरोधी भाषण, नियम उल्लंघन
- हालिया मामला: दरभंगा में बिना अनुमति सरकारी परिसर में प्रवेश
- स्थिति: अधिकतर मामलों में सुनवाई जारी, कुछ में जमानत
राजनीतिक माहौल और आगे की संभावनाएं
बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव के चलते हर राजनीतिक बयान का प्रभाव गहरा हो गया है। राहुल गांधी के इस बयान ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया है जबकि भाजपा ने इसे एक “ड्रामा” करार दिया है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी राजनीतिक रंग ले सकता है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का यह बयान केवल एक व्यक्तिगत प्रतिक्रिया नहीं बल्कि एक बड़ी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है। विपक्ष की आवाज़ को दबाने के प्रयासों के बीच राहुल गांधी ने इसे गर्व की निशानी बताया है। बिहार की सियासत में यह बयान लंबे समय तक चर्चा में रहने वाला है।
Please write your comments in a respectful manner.
Your suggestions are welcome; kindly share them politely.
.