बिहार में करारी हार के बाद IND गठबंधन में बवाल! JMM–Shiv Sena की नाराजगी, SP ने कहा—नेतृत्व करें अखिलेश
बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद IND गठबंधन की राजनीति तेज उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि कई सहयोगी दल अब खुलकर कांग्रेस की रणनीति, नेतृत्व और विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। जो बेचैनी पहले अंदर ही अंदर थी, वह अब खुलकर सियासी बवाल में बदल चुकी है।
🔴 मुख्य बिंदु (Key Highlights)
- बिहार हार के बाद IND गठबंधन में गंभीर मतभेद सामने आए
- JMM ने सीट-बंटवारे और व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जताई
- Shiv Sena (UBT) ने कांग्रेस के नेतृत्व और रणनीति पर सवाल उठाए
- SP विधायक ने कहा—अखिलेश यादव को मिलना चाहिए गठबंधन का नेतृत्व
- कई क्षेत्रीय दल IND गठबंधन से दूरी बनाने पर विचार कर रहे हैं
🔵 JMM ने खोली पहली बड़ी नाराजगी
सबसे पहली बड़ी दरार तब दिखाई दी जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) बिहार में सीट-बंटवारे की घोषणा से खुद को अलग कर गया। पार्टी ने आरोप लगाया कि बैठकों में उन्हें दरकिनार किया गया और पहले किए गए वादे पूरे नहीं किए गए।
JMM नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ बिहार की घटना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सहयोगी दलों को कनिष्ठ साझेदार की तरह देखे जाने की समस्या है। इसी कारण पार्टी अब भविष्य में INDIA ब्लॉक से जुड़ी बैठकों और मंचों पर पुनर्विचार कर रही है।
🟢 Shiv Sena (UBT) ने भी साधा निशाना
Shiv Sena (UBT) ने बिहार नतीजों को विपक्ष के लिए चेतावनी बताया है। पार्टी का कहना है कि INDIA गठबंधन को अपनी दिशा, रणनीति और नेतृत्व क्षमता पर नई समीक्षा करनी चाहिए, वरना स्थिति और बिगड़ सकती है।
🟠 “अखिलेश यादव करें IND गठबंधन का नेतृत्व”
समाजवादी पार्टी के एक विधायक के बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। उनका कहना है कि अब विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व अखिलेश यादव को संभालना चाहिए, क्योंकि SP ने उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य में अपनी शक्ति साबित की है।
पिछले लोकसभा चुनाव में 80 में से 37 सीटें जीतकर SP संसद में कांग्रेस के बाद दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी है, जो नेतृत्व क्षमता का संकेत मानी जा रही है।
🟣 क्या टूट की ओर IND गठबंधन?
लगातार बढ़ते असंतोष के बीच अब बड़ा सवाल यह है कि क्या क्षेत्रीय दल एक ऐसे गठबंधन में बने रहेंगे जिसका नेतृत्व लगातार दबाव में है या अपने राज्य में मजबूत पकड़ के लिए अलग राह चुनेंगे?
बिहार के जनादेश के बाद IND गठबंधन एक पहचान संकट से गुजर रहा है और यह उसके अब तक के सबसे निर्णायक क्षणों में से एक माना जा रहा है।
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